SAD SHAYARI IN HINDI
Sad Shayari Hindi| Sad Love Shayari | Hindi Sad Shayari on Life | Sad Shayari on Love
जाने कैसी नज़र लगी ज़माने की, अब वजह नहीं मिलती मुस्कुराने की…
मैं रिहाई की दुआ तक नहीं करता, तुम्हीं सोचो की कैसा गुनहगार हूँ मैं…
काश एक रात की नींद ऐसी हो फिर कभी सुबह न हो..
साँसे किसी का इंतज़ार नहीं करती, चलती हैं या चली जाती हैं..
चुप हैं किसी सब्र से तो पत्थर न समझ हमें, दिल पे असर हुआ हैं, तेरी बात-बात का
बड़े खुश हैं आज मेरे बिना भी वो, जो दूर जाने के ज़िकर पे होठों पे हाथ रख देते थे…
हमें पता हैं तुम कहीं और के मुसाफिर हो, हमारा शहर तो बस यूँ ही रास्ते में आया था…
तुमने कहा था हर शाम तुम्हारा हाल पूछा करेंगे, तुम बदल गए हो या तुम्हारे शहर में शाम नहीं होती..
वो दिन नहीं वो रात नहीं, वो पहले जैसे जज़्बात नहीं. होने को तो हो जाती हैं बात उनसे मगर बातों में भी पहले जैसी बात नहीं
वो सारी हदें पार कर मैंने रिवाज़ों को तोडा था, जिसके लिए आज वो बाँध कर मुझे रिवाजों से हद्द में रहने को कह गए..
माना मौसम भी बदलते है…मगर धीरे-धीरे; तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाएं भी हैरान है।
कभी लफ़्ज़ों में तलाश न करना वज़ूद मेरा, मै उतना लिख़ नहीं पाता, जितना महसूस करता हूँ…
दिल चाहे कितना भी तकलीफ में हो, तकलीफ देने वाला हमेशा दिल में ही रहता हैं…
आदत बदल सी गयी हैं वक़्त काटने की. अब हिम्मत नहीं होती किसी को अपना दर्द बांटने की..
दीदार की तलब हो तो नज़रें जमाये रखना. क्योकि ‘नक़ाब’ हो या ‘नसीब’ सरकता ज़रूर है…
कभी महसूस भी किजिए, तपिश लफ़्ज़ों की… लिखते नहीं हम दर्द, वाह-वाह सुनाने के लिए
बड़ी अजीब सी बंदिश थी उसकी मोहब्बत में, न वो खुद क़ैद कर सका न हम आजाद हो सके..
थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद, अब कोई अच्छा भी लगे तो… इज़हार नहीं करता !!
काग़ज़ पे तो अदालत चलती हैं.. हमने तो तेरी आँखों के फैंसले मंज़ूर किये!!.
रोज़-रोज़ जलते हैं, फिर भी खाक़ न हुएं, अजीब हैं कुछ ख़्वाब भी, बुझ कर भी राख़ न हुएं।
ढूंढ लेते तुम्हे हम, शहर कि भीड़ इतनी भी न थी.. पर रोक दी तलाश हमने क्योंकि तुम खोये नहीं बदल गए थे….
वो चाहते हैं मैं कुछ कहूँ हम चाहते हैं के वो महसूस करें..
पा रहे हैं ख़ो रहे हैं, तजुर्बे हैं हो रहे हैं…
मुझे आग़ोश में ले कर तेरे क़िस्से सुनती है… मेरी रातें मुझे अक़्सर सुलाना भूल जाती हैं…
अकेले वारिस हो तुम, मेरी बेशुमार चाहतों के…
इश्क़ का तो पता नहीं, मगर जो तुमसे हैं वो किसी और से नहीं
हज़ार बातें कहें लोग, तुम मेरी वफ़ा पर यकीन रखना…!
बहुत करीब से अनजान बनकर गुजरा है वो,
जो बहुत दूर से पहचान लिया करता था कभी..
ये जो तुमने ख़ुद को बदला है .. ये बदला है या “बदला” है!!
कोई सुलह करा दें ज़िंदगी की उलझनों से…बड़ी तलब लगी हैं आज मुसकुराने की.
रात तो पाबंद है, वक़्त पर लौंट आती है रोज़… नींद ही आवारा हो गयी है आज कल..
ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी ख़ातिर, तुझसे फासला भी शायद उनकी बद-दुआओं का असर है।
कुछ ज़ख्म सदियों के बाद भी ताज़ा रहते हैं फ़राज़.. वक़्त के पास भी हर मर्ज़ की दवा नहीं होती…
मेरी यादों की कश्ती उस समुन्दर में तैरती है,
जहां पानी सिर्फ और सिर्फ मेरी आँखों का होता है…
हिम्मत इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे,
मजबूर इतने हुए कि दो बूंद आँसूओं ने डुबो दिया।
जो जाहिर करना पड़े वो दर्द कैसा और जो दर्द ना समझ सके वो हमदर्द कैसा…
किताब के सादे पन्ने सी शख़्सियत मेरी; नज़रंदाज कर देते है अक्सर पढ़ने वालें…
आईने के सामने खड़े होके खुद से ही माफ़ी माँग ली मैंने…सबसे ज़्यादा अपना ही दिल दुखाया मैंने, औरों को ख़ुश करत करते।
बेहद हदें पार की थी हमने कभी किसी के लिए, आज उसी ने सिखा दिया हद में रहना!
अगर न लिखते हम तो कबके राख हो गए होते,
दिल के साथ साथ रूह में भी सुराख हो गए होते!!
तेरी उम्मीद पे शायद न अब खरे उतरें हम,
इतनी बार बुझे हैं कि जलना भूल गए!!
दिलों में रहता हूं धड़कने थमा देता हूं, मैं इश्क हूं…वजूद की धज्जियां उड़ा देता हूं।
कोई उस दुकान का पता बताओ यारों जहां लिखा हो; टूटे दिलों का काम तसल्ली से किया जाता है।
सादगी सिंगार हो गई, आईनों की हार हो गई, ग़म ने जब से मोल ले लिया, ज़िंदगी उधार हो गई- बेकल उत्साही
ऐसा लगता है जैसे हर इम्तिहाँ के लिए…किसी ने ज़िंदगी को हमारा पता दे दिया है.!!
समझकर भी जो न समझे उसको समझाकर भी क्या होगा…
बेफिक्र हो गया वो मेरी फिक्र करने वाला, जिसके होटों पे अक्सर रहता था ज़िक्र मेरा
तरस जाओगे हमारे लबों से सुनने को एक लफ़्ज भी, प्यार की बात तो क्या हम शिकायत भी न करेंगे…
किसी की कट रही है ज़िंदगी, कोई काट रहा है ज़िंदगी। खुश नसीब है वो, जो जी रहा है ज़िंदगी।
तुम इश्क़ पकड़कर लाओ, मै खंज़र तेज़ करता हूं..
तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है; नया दर्द ही, पुराने दर्द की दवाई है!
कभी मुझ को साथ लेकर, कभी मेरे साथ चल कर,
वो बदल गया अचानक, मेरी ज़िन्दगी बदल कर…
अपनी तो ज़िंदगी है अजीब कहानी है, जिस चीज़ को चाहा वो ही बेगानी है। हँसते भी है तो दुनिया को दिखाने के लिए, वरना दुनिया डूब जाएं इन आँखों में इतना पानी है।
मेरे अकेलेपन का मजाक बनाने वाले, जरा ये तो बताओ… जिस भीड़ में तुम खड़े हो, उसमें तुम्हारा कौन है!!
मुस्कुराता फिर रहा है सुबह से वो शहर में..शाम को सारी उदासी अपने घर ले जाएगा..
आज एक ख़्वाब ने मुझसे पूछा..
“पूरा करोगे या टूट जाऊँ “
ना हम-सफर ना किसी हम-नशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा- राहत इंदौरी
तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सकें, कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सकें, तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी, और हम थे की इंकार न कर सके!
ऊपर वाले मेरी तक़दीर सम्भाले रखना, ज़मीन के सारे खुदाओं से उलझ बैंठा हूं मैं।
एक कतरा ही सही; मुझे ऐसी नियत दे मौला, किसी को प्यासा जो देखूं तो दरियाँ हो जाऊँ।
कौन सिखा है सिर्फ बातों से, सबको एक हादसा ज़रूरी है…
अभी तक मौजूद है इस दिल पर तेरे कदमों के निशां..हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया।
सामान बाँध लिया है मैंने, अब बताओ ग़ालिब…कहां रहते हैं वो लोग जो कहीं के नहीं रहते
हर रोज चले जाते हो तुम यादों की तिजोरी यहीं छोड़ कर।
ना सोचा था जिनके लिए हम मर मिटें, एक दिन वही हमसे दूर हो जाएँगे, जीने की तमन्ना तो हम भी रखते थे, अब तेरे बिना कैसे जी पाएंगे…
जब-जब ‘मुझे’ लगा मैं तेरे लिये खास हूं,
तेरी बेरूख़ी ने ये समझा दिया, मैं झूठी “आस” में हूं…
अनपढ़ सा मैं, दो लफ्ज़ लिखने लगा हूं, मोहब्बत से मैं घायल बहुत हुआ हूं।
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं…
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता
उम्मीदें छोड़ी हैं तुमसे मुहब्बत नहीं…
नज़रों को यूं ही झुका देने से नींद नही आती, सोते वहीं है जीनके पास किसीकी यादें नहीं होती।
SAD SHAYARI IMAGES
तुझ से नही तेरे वक़्त से नाराज़ हूं, जो कभी तुझे मेरे लिए नहीं मिला
गुजरती है जो दिल पर वो जुबान पर लाकर क्या होगा..
ये ज़िन्दगी आजकल मुझसे नाराज़ रहती है. लाख दवाइयाँ खाऊं तबियत खराब ही रहती हैं….
जो कभी न भर पाएं ऐसा भी एक घाव है, जी हाँ…उसका नाम लगाव है!!
एहसान वो किसी का रखते नहीं मेरा भी चूका दिया; जितना खाया था नमक मेरा, मेरे जख्मों पर लगा दिया…
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर, रिश्तें निभाना बड़ा नाज़ुक सा हूनर होता है
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी की हर ख़्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले- मिर्ज़ा ग़ालिब
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं, होटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं।- ज़ावेद अख़्तर
बेहद करीब है वो शख़्स आज भी मेरे इस दिल के, जिसने खामोशियों का सहारा लेकर दुरियों को अंजाम दिया..
अच्छे होते हैं वो लोग जो आकर चले जाते हैं. थोड़ा ठहर कर जाने वाले बहुत रुलाते हैं…
दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो, इंतजार उसका.. जिसको एहसास तक नहीं।
दिल से मिटा न पाओगे मैंने कहा था, तुम किसी और के होकर भी मेरे ही रहे।
तक़दिर के हम सबसे पसंदीदा खिलौना है। वो रोज़ जोड़ती है हमें फिरसे तोड़ने के लिए।
कौन है जिसमें कमी नहीं होती, आसमां के पास भी तो जमीं नहीं होती।
परखा बहुत गया मुझे, लेकिन समझा नही गया।
कसूरवार किसी को क्या समझे गलती तो अपनी थी,
ज़िंदगी बेकदरों को सौप दी, और प्यार लापरवाह से कर लिया।
राख होने लगी जल-जल के तमन्नाएं, मगर हसरतें कहती है…कुछ और भी अरमाँ होंगे
ये जो ख़ामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है ना, पढ़ना कभी ध्यान से…चीखते कमाल के हैं
रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे, जब हर साजिश के पीछे अपने निकलेंगे।
कभी मिले फुर्सत तो इतना ज़रूर बताना, वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हें दे न सके…
HINDI SAD SHAYARI ON LIFE
दुनिया धोखा देकर अक्लमंद होती गई…और हम भरोसा कर के गुनहगार हुए जा रहे…
जिंदगी तू भी कच्ची पेंसिल की तरह है, हर रोज थोड़ी कम होती जारही है।
तेरे वादें तू ही जाने, मेरा तो आज भी वही कहना है। जिस दिन सांस टूटेगी, उस दिन आस छुटेगी।
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने करीब से, चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से- साहिर लुधियानवी
ऐसा नहीं है कि अब तेरी जूस्तजू नहीं रहीं, बस टूट-टूट कर बिखरने की हिम्मत नहीं रही
उनकी नजरों में फर्क अब भी नहीं.. पहले मुड़ के देखते थे, अब देख के मुड़ जाते है।
चल आ तेरे पैरों पर मरहम लखा दूं ऐ-मुकद्दर, कुछ चोट तुझे भी आई होगी, मेरे सपनों को ठोकर मार कर;
साथ जब भी छोड़ना मुस्कुरा कर छोड़ना ताकि दुनिया ये ना समझे दुरी हो गई…
आज हम उनको बेवफ़ा बताकर आए है, उनके खतों को पानी में बहाकर आए है
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से… इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए है..
तेरी आँखों में जबसे मैंने अपना अक्स देखा हैं, मेरे चेहरे को कोई आइना अच्छा नहीं लगता
भूलने की बातें याद है..इसिलीए जिंदगी में विवाद है।
आजमा लें मुझको थोड़ा सा और ऐ खुदा..
तेरा बंदा बस बिखरा है, मगर अब तक टूटा नहीं।
घोंसला बनाने में हम यूं मशगूल हो गए…की उड़ने को पंख भी थे..ये भी भूल गए
शक से भी अक्सर ख़त्म हो जाते है कुछ रिश्ते, कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता।
मोहब्बत में हम उनसे हारे हैं जो कहते थे हम सिर्फ तुम्हारे हैं…
दर्द मुझको ढूंढ लेता है रोज नये बहाने से,
वो हो गया है वाकिफ़ मेरे हर ठिकाने से..
रिश्तें काँच सरीके होते है, टूट कर बिखर ही जाते है।
समेटने की जहमत कौन करें, अब लोग नया काँच ही ले आते है!
दिल से खेलना हमें आता नहीं इसलिए दिल की बाज़ी हार गए, शायद
मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें इसलिए जाते-जाते मुझे ही मार गए…
अब अगर रूठे तो रूठें रहना..मै मनाने वाला हुनर भूल चुका हूं!!
कही दूर तक साथ चलना था, कहीं दूर ही चले गए..
SAD LOVE SHAYARI
रूह पर “मैं” का दाग आ जाता है, जब दिलों में दिमाग आ जाता है।
यादों की किमत वो क्या जाने जो खुद यादों को मीटा दिया करते हैं,
यादों का मतलब उनसे पूछों जो यादों के सहारें जिया करते हैं!!
कोई खुशियों की चाह में रोया, कोई दुखों की पनाह में रोया
अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का…कोई भरोसे के लिए रोया, कोई भरोसा कर के रोया!!
मोहब्बत का नतीजा….. दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा…
जिंदगी जीने को एक यहाँ ख्वाब मिलता है, यहाँ हर सवाल का झुठा जवाब मिलता है,
किसे समझे अपना किसे पराया, यहाँ हर चेहरे पर एक नकाब मिलता है।
SAD SHAYARI ON LOVE
दौड़ती भागती दुनिया का यही तोहफा है…
खुब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफा है…
वक्त नूर को बेनूर कर देता है, छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपने से दूर होना, लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है!
कमज़ोरीयाँ मत खोज मुझमें…. मेरे दोस्त, एक तू भी शामिल है मेरी कमज़ोरीयों में;
आज खुद को इतना तन्हा महसूस किया, जैसे लोग दफना के छोड़ गए हो…
ए बुरे वक्त! जरा अदब से पेश आ…वक्त ही कितना लगता है वक्त बदलने में!!